मुस्लिम छोड़ रहे पार्टी, कांग्रेस के चिंतन शिविर में उठा मुद्दा, बीजेपी के हिंदुत्व से करना होगा ऐसे मुकाबला

चिंतन शिविर में 2024 लोक सभा चुनाव के लिए संगठन को मजबूत करने पर चर्चा हो रही है। बीजेपी के हिंदुत्व और कांग्रेस से मुस्लिम नेताओं के मोहभंग होने पर भी चर्चा की गई। शनिवार को चिंतन शिविर के दूसरे दिन पार्टी में हिंदुत्व का मुद्दा और हिंदुत्व पर पार्टी की आगे की राह के बारे में ही अधिक चर्चा हुई।

मुस्लिम छोड़ रहे पार्टी, कांग्रेस के चिंतन शिविर में उठा मुद्दा, बीजेपी के हिंदुत्व से करना होगा ऐसे मुकाबला

राजस्थान के उदयपुर में जारी कांग्रेस के चिंतन शिविर का आज आखिरी दिन है।चिंतन शिविर में 2024 लोक सभा चुनाव के लिए संगठन को मजबूत करने पर चर्चा हो रही है। इस चिंतन शिविर में कांग्रेस नेताओं द्वारा कई मांगे रखी गई और कई बातों पर अहम चर्चा की गई। वहीं चिंतन शिविर में बीजेपी के हिंदुत्व और कांग्रेस से मुस्लिम नेताओं के मोहभंग होने पर भी चर्चा की गई। शनिवार को चिंतन शिविर के दूसरे दिन पार्टी में हिंदुत्व का मुद्दा और हिंदुत्व पर पार्टी की आगे की राह के बारे में ही अधिक चर्चा हुई। ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे को लेकर भी पार्टी ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस पर अपनी राय स्पष्ट की। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान 1991 वर्शिप एक्ट का हवाला दिया और स्पष्ट रुख अपनाया कि किसी भी पूजा स्थल की स्थिति को बदलने का कोई प्रयास नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन भाजपा के हिंदुत्व का मुकाबला कैसे किया जाए, इस बड़े सवाल पर, यहां चल रहे तीन दिवसीय चिंतन शिविर में आगे का रास्ता इतना स्पष्ट नहीं था।

उदयपुर में चल रहे कांग्रेस के नव संकल्प चिंतन शिविर में चल रही अलग-अलग चर्चाओं के दौरान RSS और BJP की हिन्दुत्व की राजनीति से लड़ने की रणनीति पर भी चर्चा हुई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एक प्रस्ताव में कहा गया है कि पार्टी को BJP और RSS के नैरेटिव में ना फंस कर उससे अलग विकल्प देना चाहिए और उस दिशा में राजनीतिक संघर्ष आगे बढ़ाना चाहिए। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि सॉफ्ट हिन्दुत्व से कुछ हासिल नहीं होगा। ऐसे में या तो कांग्रेस हिन्दुत्व की राजनीति में देश को RSS/BJP से भी ज़्यादा मज़बूत कोई विकल्प दे या फिर राजनीतिक सोच और विकल्प देश के सामने रखे। धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक समानता और संविधान जैसे मूल्यों को किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहिए और कांग्रेस को सभी धर्मों के प्रति न्यूट्रल यानी समान दृष्टिकोण रखना चाहिए। साथ ही कांग्रेस पार्टी को धार्मिक उन्माद के खिलाफ मज़बूत टक्कर देनी चाहिए. कांग्रेस को एक बार फिर से गांधी, नेहरू, पटेल, बोस, मौलाना आज़ाद और नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जैसे नेताओं के मूल्यों पर चलना चाहिए। साथ ही कांग्रेस चिंतन शिविर में ये भी सुझाव दिया गया है कि कांग्रेस कार्यसमिति को सुझाव देने के लिए कांग्रेस को एक थिंक टैंक का भी गठन करना चाहिए।

सोनिया गांधी ने शुक्रवार को अपने उद्घाटन भाषण के दौरान पार्टी प्रतिनिधियों को खुले दिमाग से बोलने के लिए कहा था। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी नेता यह सुनिश्चित करें कि उदयपुर से संगठन को मजबूत करना, दृढ़ संकल्प और एकता का संदेश निकलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाल के चुनावी झटकों से बेखबर नहीं है। कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं की एक प्रमुख मांग मान ली गई है। दरअसल कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं की मांग थी कि पार्टी में केंद्रीय संसदीय बोर्ड का गठन होना चाहिए और अब पार्टी की बैठक में इसे एक सुझाव के रूप में स्वीकार कर लिया गया है। अब इस पर फैसला कांग्रेस वर्किंग कमेटी को लेना है, जो पार्टी के लिए अहम निर्णय करती है।